प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने 13 अगस्त 2025 को भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए 4 नई विनिर्माण परियोजनाओं को मंजूरी दी। कुल निवेश लगभग ₹4,600 करोड़ होगा और 2,034 से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, जबकि हजारों अप्रत्यक्ष नौकरियां भी सृजित होंगी।
कहां लगेंगे ये प्रोजेक्ट्स?
| राज्य | कंपनी / प्रोजेक्ट नाम | मुख्य उत्पाद/तकनीक |
|---|---|---|
| ओडिशा | SiCSem प्राइवेट लिमिटेड (UK की Clas-SiC Wafer Fab Ltd. के साथ) | सिलिकॉन कार्बाइड (SiC) बेस्ड कंपाउंड चिप्स — रक्षा, EV, रेलवे, फास्ट चार्जर के लिए |
| ओडिशा | 3D Glass Solutions (3DGS) | ग्लास इंटरपोज़र और 3DHI तकनीक — AI, ऑटो, फोटोनिक्स इंडस्ट्री के लिए |
| आंध्र प्रदेश | Advanced System in Package (ASIP Technologies) — APACT Co. Ltd. के साथ | मोबाइल, सेट-टॉप बॉक्स, ऑटोमोबाइल के लिए पैकेजिंग यूनिट |
| पंजाब | Continental Device India Limited (CDIL) | MOSFETs, IGBT, ट्रांज़िस्टर — EVs, रिन्यूएबल एनर्जी, पावर कन्वर्जन उत्पाद |
- पहला कंपाउंड सेमीकंडक्टर फैब — ओडिशा के भुवनेश्वर में, सालाना 60,000 वेफर्स और 9.6 करोड़ पैकेज्ड यूनिट्स का उत्पादन।
- एडवांस्ड पैकेजिंग यूनिट — 3DGS द्वारा, वार्षिक क्षमता 69,600 ग्लास पैनल और 50 मिलियन असेंबल यूनिट्स।
- रोजगार व स्टार्टअप्स को बढ़ावा — 2000+ पेशेवरों को प्रत्यक्ष नौकरी, साथ ही R&D और स्टार्टअप इकोसिस्टम को सहायता।

देश की अर्थव्यवस्था पर असर
- आत्मनिर्भर भारत: विदेशी सेमीकंडक्टर पर निर्भरता घटेगी।
- मेक इन इंडिया: इलेक्ट्रॉनिक्स, EV, मोबाइल निर्माण में देश की क्षमता बढ़ेगी।
- टेक्नोलॉजी ट्रांसफर: विदेशी कंपनियों के सहयोग से आधुनिक तकनीक भारत में उपलब्ध होगी।
प्रधानमंत्री मोदी का बयान
“भारत अगले दशक में वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनेगा। यह निवेश देश के युवाओं और उद्योग दोनों को नई ताकत देगा।”
निष्कर्ष
इन चार नये सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स से भारत को तकनीकी आत्मनिर्भरता, औद्योगिक विकास और रोजगार के अवसरों में जबरदस्त बढ़ोतरी मिलेगी। यह फैसला भारत को ग्लोबल टेक्नोलॉजी मैन्युफैक्चरिंग मैप पर और मजबूत स्थिति दिलाएगा।
यह भी पढ़ें: Manav Kalyan Yojana 2025: मानव कल्याण योजना 2025 की पूरी जानकारी

